सड़क या भ्रष्टाचार की परत? 67 लाख की लागत से बनी सड़क पखवाड़े भर में उखड़ी, ग्रामीणों में भारी आक्रोश

मुंगेली । हिंदुस्तान दृष्टि । मुंगेली-पंडरिया मुख्य मार्ग से बांकी गांव को जोड़ने वाली लगभग ढाई किलोमीटर लंबी सड़क रिनुअल कार्य में भ्रष्टाचार का मामला गरमा गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत 67 लाख 51 हजार रुपये की भारी-भरकम राशि से बनी यह सड़क निर्माण के महज 15 दिनों के भीतर ही बदहाल होने लगी है। सड़क की ऊपरी परत उखड़ने और गिट्टियां बाहर निकलने से निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
विरोध के बावजूद रात के अंधेरे में हुआ काम
बांकी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण के दौरान ही उन्होंने घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई थी। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने उनकी शिकायतों को पूरी तरह अनसुना कर दिया। निगरानी और विरोध से बचने के लिए ठेकेदार ने चालाकी बरतते हुए रात के समय तेजी से डामरीकरण का काम पूरा कर लिया। अब नई सड़क की जर्जर स्थिति देखकर ग्रामीणों में ठेकेदार और विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है।
भाजपा नेता ने उठाए सवाल: 'कमीशनखोरी में सरकार को कर रहे बदनाम'
इस मामले ने अब राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है। वरिष्ठ भाजपा नेता शिवप्रताप सिंह ने निर्माण कार्य पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बांकी गांव के लगभग 90 प्रतिशत लोग भाजपा के समर्थक हैं, इसके बावजूद अगर उनके गांव की सड़क का यह हाल है, तो अन्य क्षेत्रों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सिंह ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की जुगलबंदी और कमीशनखोरी के चक्कर में सरकार की छवि धूमिल की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषी ठेकेदार व संबंधित इंजीनियरों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही सड़क की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया और भ्रष्टाचार की जांच नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। फिलहाल, पखवाड़े भर में उखड़ी यह सड़क क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और भ्रष्टाचार के प्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में दिखाई दे रही है। वही अधिकारी के संज्ञान में मामला आ गया है जांच कर कार्यवाही की बात सामने आई है। 

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